अच्छे विचार, अच्छी बातें, अच्छे लोग इसलिए भी पनप नहीं पाते क्योंकि समाज को बुरे की लत सी है। कितना भी कोई चीज अगर अच्छी नजर जाए उसने भी लोग अपने हिसाब से एक दृष्टिकोण नकारात्मक वाला ढूढना शुरु कर देते। वर्तमान परिवेश में सत्य बात तो यह है कि कोई भी सकारात्मक ऊर्जा को अपने अंदर समाहित करने की चाहत ही नहीं रखता है।
कोई भी उड़ती हुई तस्वीर आते ही समाज दो घटकों में विभाजित हो जाता है। भारत का पुराना इतिहास रहा है कि समाज अपना पक्ष विपक्ष दोनों रखता है। तार्किक ढंग से पक्ष और विपक्ष दोनों को सुना जाना उचित है लेकिन आज के परिवेश में अर्थहीन और बेबुनियाद तर्कों के आधार पर पक्ष विपक्ष का विमर्श घंटों तक चलता है।
हम बड़े आसानी से कह देते हैं कि समाज आजकल दूषित होते जा रहा है। पर उसी समाज का बहुत महीन टुकड़ा हम स्वयं भी हैं। तथ्यों के आधार पर वर्गीकरण के लिए जो हम आधार चुनते हैं वह आधार भी कहीं न कहीं सत्यापित नहीं होता है। तथ्यों का सत्यापन हम सामाजिक लोग तकरीबन 90 परसेंट सोशल मीडिया और गूगल के आधार पर करते हैं। जो पूर्णतया सत्य होने की गारंटी नहीं देता है। मतलब सत्य असत्य बस आपके मानसिकता के आईने में दिखाई पड़ता है। जो जिसके हिसाब से दिखते जाता है वह उसका सत्य बनते जाता है।
सनातन परंपरा में वेद, महाकाव्य और पुराणों को हमारी परंपरा के अनुसार देखा, सुना और अनुसरण किया जाता रहा है। दूषित समाज से शुद्ध समाज के नवनिर्माण के लिए हमें अपने घर में अध्यात्म का माहौल तैयार करना ही होगा। इस विषय पर मैने बहुत सारे सिद्धांतों पर विश्लेषण करके देख लिया हूं। सनातन परंपरा, संस्कार, अपनी संस्कृति, पूजा पाठ, घरों में सात्विक माहौल यही सब ऐसे मजबूत स्तंभ है जहां आप अपने आने वाले वंश को टिका पाएंगे।
हमें अपने आसपास, अपने परिवार, दफ्तर, रिश्तेदारी, मित्र दोस्त, संबंधी के साथ एक सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए प्रेरित करना होगा। ध्यान रखना होगा कि ऐसे उदाहरण हमें पेश करने होंगे जो अपने सकारात्मक व्यवहार से ही अपने जीवन में बहुत कुछ हासिल किया है। ऐसे उदाहरण के लिए आपको कहीं दूर नहीं जाना है आपके आसपास ऐसे उदाहरण बखूबी मिल जाएंगे।
अपने घरों में वेद पुराण, मंत्र, श्लोक, स्तोत्र से शोभायमान रखना है। बच्चों को उल जलूल यूट्यूब वीडियो से बचाते हुए अपने संस्कृति अपने आदर्शों के जीवन परिचय के वीडियो या फिर कॉमिक्स को दिलवाना है। मैं बहुत जल्द ही अपने कोड्स जेस्चर के माध्यम से बहुत सारे ऑनलाइन सामग्री बिल्कुल निशुल्क तैयार करने वाला हूं।
समाज शुद्ध होगा तभी मन शुद्ध होगा और मन शुद्ध तो होगा तभी सबका व्यापार समृद्ध होगा। साथ ही देश तरक्की करेगा।
सोचिएगा
राहुल मिश्रा
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश