लप्रेक 20: ये धर्मशाला फ्लाईओवर कितने सपने दिखाता है।

लप्रेक 20:
"ये धर्मशाला फ्लाईओवर* कितने सपने दिखाता है। अगल-बगल लगी होर्डिंग किसी को आईएएस आईपीएस बना रही है। तो ढलान से उतरते ही बगल मां काली का आशीर्वाद भी दिलाती है। कभी पल्सर की पल्स रेट बढ़ाकर मेरे साथ उस अंडरपास** से चलो ना, एक घुप्प अंधेरों में तुम्हारी सुर्ख हथेलियां मेरे में मीठी सिरहन पैदा कर देती हैं। " सुमित ने बड़े प्यार से कहा
बाइक के पीछे बैठी शिखा तब तक किसी मोबाइल गैलरी की तरह टाइम लाइन ट्रैवल कर के हो आई। उस गैलरी में जाने कितने बिफोर आफ्टर*** के कार्ड्स अपने जेहन ने लिए उसे अब यह फ्लाईओवर से किसी सौत से कम नहीं लग रहा था।
शिखा ने बड़े इश्किया अंदाज में कहा, "किसी दिन बैठूंगी तुम्हारे उसी पुराने पल्सर पर यश चोपड़ा की नायिका की तरह।"
दोनो ठहाके मारकर हंस पड़े। और घंटों फ्लाईओवर पर खड़े बातें करते रहे।
* Flyover
** Underpass
*** Before After
राहुल मिश्रा
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
08-जनवरी-2024
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Abhimanyu
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